साइबर कैफे पर खुफिया नजर






साइबर कैफे पर खुफिया नजर
बरेली: राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर कलेक्ट्रेट में मंगलवार को एक अहम बैठक हुई. तय हुआ कि साइबर कैफे पर खुफिया निगहबानी रखी जाएगी. जल्द ही एक ऐसा सॉफ्टवेयर भी लाने की तैयारी की जा रही है, जिससे पलक झपकते ही पता चल जाएगा कि यूजर्स ने साइबर कैफे में कौन - कौन सी साइट देखी. एडीएम सिटी दीक्षित देवेंद्र की अध्यक्षता वाली इस बैठक में साइबर कैफे और मोबाइल कम्पनियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया था. एसपी सिटी त्रिवेणी सिंह ने बैठक बुलाने के उद्देश्य पर रोशनी डाली. बताया कि अब सभी कैफे संचालक अपने यहां आने वाले यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी कम से कम एक साल तक रखेंगे. जिसमें प्रमुख रूप से नाम, पता टेलीफोन नंबर शामिल हैं. साथ ही यूजर्स के बैठने की व्यवस्था इस प्रकार होगी कि वे छुपे हुए नजर नहीं आएं. कैफे में उनके फोटो लेने की भी व्यवस्था की जाए. कोई भी मोबाइल सिम बेचने से पहले विक्रेताओं को सिम खरीदने वालों की भी सभी जानकारी रखनी होगी. बैठक में एक ऐसे सॉफ्टवेयर की भी चर्चा हुई, जिसके माध्यम से पता चल सकेगा कि यूजर्स ने कौन - कौन सी साइट पर सर्च किया है और क्या - क्या डाउनलोड किया है. उम्मीद है कि एक हफ्ते के अंदर यह सॉफ्टवेयर प्रशासनिक अधिकारियों के पास जाएगा. बैठक में एसीएम सुश्री वंदिता श्रीवास्तव भी मौजूद रहीं. फर्जी एकाउंट बनाने वाले धरे जाएंगे: एसपी सिटी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि लोग फेसबुक पर फर्जी एकाउंट बनाकर बातें करते हैं. फर्जी एकाउंट बनाना भी साइबर क्राइम का हिस्सा है. ऐसे लोगों का पता लगाकर उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे. 18 साल से कम के उम्र लोग कैफे में नहीं जा सकेंगे.


रिपोर्टर:- संदीप चंद्रा
बरेली 

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